जालंधर (परमजीत पममा/लवजीत/कूनाल तेजी) : कभी जालंधर शहर की शान समझा जाने वाला “कम्पनी बाग” अब दिन ढलते ही अंधकार में डूब जाता है l बता दे की जालंधर शहर को कभी कम्पनी बाग के नाम से पहचाना जाता था l आज न्यूज़ लिंकर्स की टीम द्वारा जब सांय लगभग 8 बजे शहर की विरासत कम्पनी बाग का दौरा किया गया तो सारा बाग अंधकार में डूबा था l कभी शहर की रौनक रहा यह बाग कैप्टन की सरकार व शहर के मेयर की किस्मत को रोता नज़र आता है l कहना न होगा की जालंधर में कांग्रेस के वर्तमान मेयर राजा से पूर्व शायद ही कोई ऐसा मेयर रहा होगा जिसने जालंधर की इस विरासत को सम्भालने में कोई कसर कोर छोड़ी होगी l किसी मेयर ने नहर बनबाई तो किसी ने ट्रेन, किसी ने फब्बारा तो किसी ने झूले, किसी ने फास्ट फूड का केन्द्र बना कर इस विरासत को सम्भाला तो किसी ने पहाड़ी नुमा पर्यटन स्थल का रुप देकर इस बाग को संवारा पर शर्म से लिखना पड़ रहा है की जब से कांग्रेस के जगदीश राजा ने मेयर के रुप में कार्यभार सम्भाला है मजाल है इस विरासत में एक इंट भी जालंधर की इस शान को सम्भालने में लगाई गई हो!! बहरहाल जिस बाग में रोशनी तक का बंदोबस्त यह लोकल प्रशासन उपलब्ध न करवा सके उस के विकास की बात तो सोचना भी जालंधर वासियों की सोच से परे है l मेयर साहब के आसन तले स्थित यह बाग अपनी व शहर के मेयर की किस्मत को रोता दिखाई देता है l
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