पंजाब में सरकारी पनबस बसों में सफर करने वालों को आज निजी बसों का सहारा लेना पड़ेगा। रोजवेज-पनबस कॉन्ट्रैक्ट यूनियन की हड़ताल के कारण सड़कों पर आज पनबस की सर्विस नजर नहीं आएगी। हालांकि रोडवेज की बसें यथावत चलती रहेंगी। पिछले कल मुख्यमंत्री के सचिव रवि भगत के साथ यूनियन के पदाधिकारियों की बैठक हुई, लेकिन इसमें कोई नतीजा नहीं निकल पाया।
अब 19 को वेणुप्रसाद के साथ बैठक
मुख्यमंत्री भगवंत मान के सेक्रेटरी रवि भगत ने रोजवेज-पनबस कॉन्ट्रैक्ट यूनियन की सभी मांगों पर चर्चा की, लेकिन उन्होंने मांगों पर चर्चा के बाद कोई सॉल्यूशन नहीं दिया। उन्होंने कहा कि 19 दिसंबर को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ए वेणुप्रसाद से बैठक कर इन पर विचार कर हल निकाला जाएगा। इस पर यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि जब तक हल नहीं निकलता उनका चक्का जाम का कार्यक्रम तब तक जारी रहेगा।
विभाग में आउटसोर्स पर 28 चालकों की भर्ती का विरोध
परिवहन विभाग ने 28 चालकों को आउटसोर्स के माध्यम से पत्र देकर राज्य के विभिन्न डिपुओं में भेजा था, लेकिन कर्मचारी संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया। कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया और चक्का जाम की धमकी दी तो महकमे के उच्चाधिकारियों ने तुरंत प्रभाव से आदेश दिया कि जिन 28 चालकों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से जॉइनिंग लेटर दिए गए हैं उन्हें फिलहाल नियुक्ति न दी जाए, लेकिन बावजूद इसके रोपड़ और नंगल दो डिपुओं में चालकों को नियुक्ति दे दी गई।
कम पैसे देकर जोखिम में डाल रही जान
पंजाब रोडवेज-पनबस ठेका मुलाजिम यूनियन के नेताओं का कहना है कि एक तो सरकार आउटसोर्स से रखे जा रहे चालकों को 9100 रुपए वेतन देकर उनका शोषण कर रही है। दूसरा बिना तजुर्बे वाले चालकों की भर्ती कर लोगों की जान जोखिम में डाल रही है। प्रधान चानण सिंह ने कहा कि आउटसोर्स पर रखे जा रहे कर्मचारियों के पास ना तो कोई तजुर्बा है और ना प्रशिक्षण। चोर दरवाजे से भर्ती कर सबकी जान को खतरे में डाला जा रहा है। जिन चालकों को भर्ती किया जा रहा है ना तो इनका कोई टेस्ट लिया गया और ना ही इन्हें प्रशिक्षित किया गया।