(परमजीत पममा/विवेक) सत्ता के मुद्दे पर राज्य में राजनीति जोरों पर है. अघोषित बिजली कटौती से परेशान लोगों ने सड़कों पर उतरना शुरू कर दिया है. इसी तरह अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अकाली दल ने पावरकॉम के सभी दफ्तरों के सामने धरना देने का ऐलान किया है और आप 3 जुलाई को सिसवान में मुख्यमंत्री आवास के सामने धरना प्रदर्शन करेगी
स. सुखबीर सिंह बादल अध्यक्ष शिरोमणि अकाली दल ने मुख्यमंत्री कै. अमरिन्दर सिंह पर किसानों को मुफ्त बिजली देने से भागने का आरोप लगाते हुए कहा कि धान का मौसम चरम पर होने के बावजूद किसानों को आठ घंटे बिजली नहीं दी जा रही है उन्होंने कहा कि वादे के मुताबिक 8 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति की जगह रोजाना 3 से 4 घंटे बिजली कटौती की जा रही है जिससे किसानों को धान की फसल बचाने के लिए रोजाना सैकड़ों रुपये का डीजल जलाने को मजबूर होना पड़ रहा है बिजली नहीं मिलने से कई किसान धान की फसल ले जाने को मजबूर हैं उन्होंने कहाकि कांग्रेस सरकार बिजली आपूर्ति में कमी का बहाना बना रही है और जल्द ही बिजली आपूर्ति नियमित करने का दावा कर रही है उन्होंने कहा कि कृषि व घरेलू क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बहाल करने की मांग को लेकर अकाली दल आज पावरकॉम कार्यालयों के सामने धरना प्रदर्शन करेगा
इस बीच आप विधायक मित हायर ने कहा कि लोगों को लंबे समय तक बिजली कटौती से बचाने के लिए पार्टी अध्यक्ष भगवंत मान के नेतृत्व में शनिवार को मुख्यमंत्री के सिसवान फार्म हाउस की घेराबंदी की जाएगी उन्होंने कहा कि पंजाब में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है आज किसान बेरोजगार कर्मचारी समेत सभी वर्ग पंजाब व केंद्र सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं अब लोगों को बिजली लेने के लिए धरना देना पड़ रहा है बादल सरकार द्वारा किए गए गलत बिजली सौदों का खुलासा करते हुए श्री हायर ने कहा कि समझौतों की शर्तों में कहा गया है कि यदि कोई निजी थर्मल प्लांट साल के 365 दिनों में से 91 दिनों तक बंद रहता है तो सरकार उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकती है थर्मल ऑपरेटरों उन्होंने कहा कि अगर साल में लगातार 73 दिन थर्मल प्लांट बंद रहे तो सरकार को थर्मल मैनेजरों को एक फिक्स चार्ज देना होगा अभी तक सरकार ने निजी ताप संयंत्रों को 20,000 करोड़ रुपये का फिक्स चार्ज दिया है जिसमें से 5,900 करोड़ रुपये बिजली का उपयोग न करने के बावजूद चुकाए जा चुके हैं आप नेता ने कहा कि अब जबकि धान के मौसम में किसानों को बिजली की सख्त जरूरत थी तलवंडी साबो निजी ताप संयंत्र की दोनों इकाइयां बंद कर दी गईं 660 मेगावाट के इस संयंत्र की पहली इकाई 8 मार्च को बंद कर दी गई थी दूसरी इकाई 25 जून को बंद कर दी गई थी
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