जालंधर (भगवान दास/बलजींदर कूमार/रोहित);
जालंधर में स्वास्थ्य सुविधाओं सम्बन्धित बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ ज़िला प्रशासन सरकारी अस्पतालों के लिए दो अन्य पी.एस.ए. आधारित आक्सीजन उत्पादन प्लांटों का निर्माण शुरू करने जा रहा है। जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने बताया कि 1000 एल.पी.एम. की सामर्थ्य वाला पहला प्लांट सिविल अस्पताल, जालंधर में और 200 एल.पी.एम. की सामर्थ्य वाला दूसरा प्लांट नकोदर सब डिविज़नल अस्पताल में लगाया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह दोनों प्रोजैक्ट सरकार की तरफ से चलाई जा रही स्वास्थ्य संस्थानों में मौजूदा आक्सीजन उत्पादन की सामर्थ्य को मज़बूत करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि शहीद बाबू लाभ सिंह सिविल अस्पताल जालंधर में पहले से ही एक आक्सीजन प्लांट काम कर रहा है।
इन प्रोजैक्टों के लिए नियुक्त किये नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए डिप्टी कमिश्नर ने उनको निर्धारित समय के अंदर पूरी रूप -रेखा तैयार करने के लिए कहा। उन्होंने जगह की तैयारी, बिजली कुनैकशन की स्थापना, जनरेटर सैट की उपलब्धता, गैस की स्पलाई के लिए पाईप लाईन के इलावा अन्य तकनीकी कामों की प्रगति का जायज़ा भी लिया। उन्होनें अधिकारियों को आदेश दिए कि सभी कार्य निर्धारित समय सीमा के अंदर समय पर पूरा किए जाने को यकीनी बनाया जाये, जिससे कोविड -19 की तीसरी लहर के आने से पहले यह प्लांट शुरू किये जा सकें। थोरी ने कहा कि यह प्लांट महामारी की आगे वाली लहर के साथ प्रभावशाली ढंग के साथ निपटने में मददगार साबित होंगे, हालाँकि, सरकारी और प्राईवेट दोनों स्वास्थ्य संभाल संस्थानों में अधिक से अधिक पी.एस.ए. आधारित आक्सीजन प्लांट लगाने के मामले में जालंधर अग्रणी जिलों में से एक बन कर उभर रहा है। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि प्रशासन की अपील पर कई अस्पतालों की तरफ से अपने प्लांट लगाए गए है, जो आक्सीजन उत्पादन में आत्म निर्भर बनने में काफ़ी सहायक साबित हुए हैं। उन्होनें कहा कि सभी प्राईवेट अस्पतालों से अपील है कि तीसरी लहर दौरान किसी भी तरह की स्थिति के साथ निपटने के लिए अपने पी.एस.ए. आधारित आक्सीजन प्लांट जल्दी से जल्दी लगाए।
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