rhrp news- जालंधर में इंसानियत शर्मसार:कोरोना जैसे लक्षणों से 11 साल की बेटी की मौत, अर्थी को कंधा देने से लोगों का इन्कार


जालंधर(परमजीत पममा/जसकीरत राजा)
जालंधर में इंसानियत शर्मसार:कोरोना जैसे लक्षणों से 11 साल की बेटी की मौत, अर्थी को कंधा देने से लोगों का इन्कार, एंबुलेंस के पैसे न थे तो लाश को कंधे पर श्मशान ले गया बेबस बाप बेटी की लाश को कंधे पर श्मशान ले जाता पिता दिलीप। पीछे बेटा शंकर चल रहा है। कोरोना काल में जालंधर में इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक बड़ी घटना सामने आई है। यहां बेटी की कोरोना के लक्षणों से मौत हुई तो लोगों ने अर्थी को कंधा देने से इंकार कर दिया। मजबूर बाप बेटी की लाश को कंधे पर रखकर श्मशान ले गया। जहां उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। घटना 10 मई की है लेकिन बेटी को कंधे पर लेकर जाते पिता की वीडियो सामने आने के बाद rhrp news से बातचीत में पिता ने पूरे मामले का खुलासा किया है। बेटी की लाश कंधे पर लेकर जाने वाले पिता दिलीप की जुबानीं.. पूरी घटना
रामनगर में रहने वाले पिता दिलीप ने कहा कि उनके 3 बच्चे हैं। यह बेटी सोनू 11 साल की थी। उसे 2 महीने से बुखार हो रहा था। वो इलाज करवाते रहे। कभी ठीक हो जाती तो कभी फिर बीमार हो जाती। नजदीक के सरकारी अस्पताल में गई तो उन्होंने सिविल अस्पताल भेज दिया। सिविल अस्पताल गए तो वहां थोड़े इलाज के बाद डॉक्टर ने कहा कि बेटी की हालत गंभीर है और उसे अमृतसर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। वहां पहुंचने पर 9 मई को बेटी की मौत हो गई। वहां से रात करीब 1.30 बजे वो जालंधर पहुंचे। अगले दिन संस्कार करना था। उन्होंने लोगों से बात की तो सबने कहा कि हो सकता है उसकी बेटी की कोरोना से मौत हुई हो। वो अर्थी को कंधा नहीं देंगे। उसकी बेटी है तो वही ले जाए। वह प्लास्टिक की बोतल के बटन बनाने का काम करता है। इतने पैसे नहीं थे कि एंबुलेंस बुला सकता। इसलिए खुद कंधे पर उठाकर बेटी की लाश श्मशान तक ले गया। अधूरी वीडियो की पूरी कहानी…आगे बाप था और पीछे थे लोग
दिलीप ने बताया कि उस दिन लोगों ने अर्थी को कंधा देने से इंकार जरूर किया लेकिन अंतिम संस्कार के लिए लोग साथ में गए थे। आगे मैं और मेरा बेटा शंकर चल रहे थे। थोड़ा पीछे लोग भी आ रहे थे। संस्कार के वक्त भी लोग वहां मौजूद थे।
उड़ीसा का रहने वाला है परिवार
दिलीप ने बताया कि वह मूल रूप से उड़ीसा के सुंदरगढ़ के थाना बडगां के रहने वाले हैं। पिछले कई सालों से जालंधर में रहकर काम कर रहे हैं। उसकी एक बेटी नीतू और है। पत्नी सुनीता बोल नहीं पाती। गरीबी की वजह से ही वो उड़ीसा से जालंधर आए थे लेकिन कोरोना की महामारी के डर व गरीबी ने बेटी को असमय मौत के मुंह में डाल दिया। उसकी अंतिम विदायगी भी वो ढंग से न कर सके।
अमृतसर अस्पताल ने पॉजिटिव बताया था
पिता दिलीप ने कहा कि उनकी बेटी को अमृतसर अस्पताल ने कोरोना पॉजिटिव बताया था, हालांकि उन्हें कन्फर्म नहीं है। उसकी लाश भी वहां से कपड़ा मांगकर फिर यहां तक लेकर आए। उन्हें नहीं पता कि उनकी बेटी कोरोना से मरी या सिर्फ बुखार से। उसको कोरोना जैसे लक्षण जरूर थे।

2 thoughts on “rhrp news- जालंधर में इंसानियत शर्मसार:कोरोना जैसे लक्षणों से 11 साल की बेटी की मौत, अर्थी को कंधा देने से लोगों का इन्कार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *