डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी और एस.एस.पी. डॉ. सन्दीप गर्ग की तरफ से आज संयुक्त तौर पर जीवन रक्षक गैस के उत्पादन और सप्लाई का निरीक्षण करने के लिए जिले में स्थित आक्सीजन उत्पादन प्लांटों का दौरा किया

Rhrpnews(परमजीत पममा/ विवेक/भगवान दास) कोविड केयर सैंटरों में आक्सीजन गैस की बढ़ रही मांग के मद्देनज़र डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी और एस.एस.पी. डॉ. सन्दीप गर्ग की तरफ से आज संयुक्त तौर पर जीवन रक्षक गैस के उत्पादन और सप्लाई का निरीक्षण करने के लिए जिले में स्थित आक्सीजन उत्पादन प्लांटों का दौरा किया गया।
इन प्लांटों का निरीक्षण करते हुए डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने आदेश दिए कि इन प्लांटों पर पुलिस फोर्स तैनात की जाये और अब आक्सीजन सिलेंडर लेकर जाने वाले सभी वाहनों के साथ पुलिस कर्मचारी रहेंगे, जिससे यह जीवन -रक्षक गैस सीधे तौर पर अस्पतालों में पहुंच सके। उन्होनें कहा कि आक्सीजन गैस की कालाबाजारी और जमाख़ोरी को सहन नहीं किया जायेगा और इसमें शामिल व्यक्तियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही की जायेगी।
डिप्टी कमिश्नर ने साफ किया कि राज्य सरकार की तरफ से सिर्फ़ 9 उद्योगों को आक्सीजन गैस प्राप्त करने के लिए छूट दी गई है और वह भी मैडीकल संस्थानों की ज़रूरतें पूरी करने के बाद गैस की उपलब्धता होने की शर्त पर। उन्होनें आगे बताया कि इन उद्योगों को सप्लाई सिर्फ़ दोनों नोडल अधिकारियों सहायक कमिश्नर हरदीप सिंह और डिप्टी डायरैक्टर स्थानीय निकाय विभाग दरबारा सिंह से लिखित मंजूरी के बाद ही की जा सकती है।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि जमाख़ोरी और दुरुपयोग को रोकने के लिए आक्सीजन उत्पादन, भराई और स्पलाई की प्रक्रिया पुलिस और सिविल आधिकारियों की निगरानी में होगी। उन्होनें कहा कि जहाँ भी आक्सीजन गैस का दुरुपयोग, कालाबाजारी और जमाख़ोरी पाई गई, उसके ख़िलाफ़ ज़ीरो -टालरैंस नीति अपनाई जायेगी।
इस दौरान डिप्टी कमिश्नर ने सभी नोडल अधिकारियों को जिले में आक्सीजन गैस की माँग, उत्पादन और स्पलाई के बारे में रोज़ाना की रिपोर्ट बनाने के आदेश दिए ,जिससे स्पलाई चेन में यदि कोई त्रुटि है तो उसे दूर किया जा सके। उन्होनें इन आक्सीजन प्लांटों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत भी की और उनको अस्पतालों को पहल के आधार पर अपेक्षित आक्सीजन सप्लाई को यकीनी बनाने के निर्देश देने के अलावा प्लांटों का जायज़ा भी लिया।
ज़िक्रयोग्य है कि जिले को हरियाणा राज्य से तरल आक्सीजन की स्पलाई प्राप्त नहीं हुई है, जिस कारण कोविड -19 के मरीज़ों के इलाज के लिए अस्पतालों को अपेक्षित आक्सीजन की स्पलाई को यकीनी बनाने के लिए ऐसे उपाय किये जा रहे हैं।

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