जालंधर :(विवेक/गौरव)- ।, शिव सेना हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष निशांत शर्मा, शिव सेना हिंद के पंजाब प्रधान अरविंद गौतम समेत 36 लोगों पर थाना खरड़ में पिछले दिनों मुकदमा नंबर 118 दर्ज किया गया था। जिसमें आईपीसी की धारा 295 ए, 298, 153 ए, 153 बी, 505, 149, 124 ए, 120 बी के तहत देशद्रोह व धार्मिक भावनाएं भडक़ाने जैसी संगीन धाराएं लगाई गई है। इस मामले को लेकर पुलिस ने निशांत शर्मा व अरविंद गौतम को गिरफ्तार भी कर लिया है। इसके बाद निशांत शर्मा ने जेल में झूठे मामले के खिलाफ भूख हड़ताल शुरू कर दी थी और आज तीन दिन की भूख हड़ताल के बाद उनकी हालत बिगड़ गई और उनको अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल करवाया गया है। अब तक उनकी हालत काफी नाजूक बनी हुई है। अब इस मामले को लेकर हिंदू संगठनों में रोष की लहर देखी जा रही है। इसके तहत हिंदू संगठनों द्वारा डीजीपी पंजाब के नाम पंजाब भर के समस्त एसएसपीज को मांगपत्र सौंपकर यह मामला रद्द करने की मांग की गई है। जालंधर में भी हिंदू संगठनों द्वारा शिवसेना राष्ट्रवादी के जिला प्रधान मुनीश बाहरी की अगुवाई में डीसीपी लॉ एंड आर्डर जालंधर जगमोहन सिंह को मांगपत्र सौंपा गया। इस दौरान सर्वधर्म सेवा समिति के पंजाब प्रधान विनय कपूर, शिवसेना समाजवादी के युवा पंजाब प्रधान सुनील बंटी, शिवसेना हिन्द के पंजाब उप प्रधान मोहित वर्मा के अलावा अन्य नेता उपस्थित थे। विनय कपूर व मुनीश बाहरी ने कहा कि निशांत शर्मा ने देश की एकता और अखंडता की मर्यादा को कभी नहीं तोड़ा व ना ही कभी ऐसा उन्होंने देश विरोधी बयान दिया। ऐसे में निशांत शर्मा और पंजाब प्रधान अरविंद गौतम समेत 36 लोगों पर ऐसी संगीन धाराओं सहित आधारहीन धारा 124 ए लगाकर उन्हें झूठे केस में जेल में डाल दिया। इसकी गंभीरता से जांच करवाने के बाद इस मामले को रद्द करने की मांग उनके द्वारा रखी गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सबसे अहम बात तो यह रही कि कई ऐसे नेताओं को भी इसमें शामिल किया गया है जो प्रैस कान्फ्रैंस में पहुंचे ही नहीं थे। उन्होंने कहा कि अगर प्रैस कान्फ्रैंस की रिकॉर्डिंग देखी जाए तो सब कुछ सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ हिंदू धर्म को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा है व पंजाब का माहौल खराब करने की साजिश है। उन्होंने डीसीपी को मांगपत्र देकर डीजीपी और गवर्नर पंजाब से मांग करते हुए कहा कि इस झूठे मामले को जांच के बाद रद्द किया जाए व झूठा मामला दर्ज करने में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और शिवसेना हिंद के नेताओं को इंसाफ दिलाया जाए। इस मोके दीपक, मोहित वर्मा और निर्मल निम्मा भी मजूद थे